
कुकदुर –शासकीय आदिवासी कन्या आश्रम, कुई (विकासखंड पंडरिया) की प्रभारी अधीक्षिका एवं सहायक शिक्षिका राजकुमारी बंजारे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।यह कार्रवाई उस समय हुई जब 5वीं कक्षा की एक छात्रा की तबीयत बिगड़ने और उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बाद शारीरिक दंड की शिकायत सामने आई। सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग से प्राप्त पत्र और जिला स्तर पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में यह बात प्रमाणित हुई कि छात्रा को थप्पड़ मारा गया था।जांच समिति ने स्पष्ट किया कि यह कृत्य शारीरिक दंड की श्रेणी में आता है, जो निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE एक्ट) की धारा 17 का सीधा उल्लंघन है। साथ ही, यह व्यवहार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का भी उल्लंघन माना गया है।इसी आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी, कबीरधाम ने सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत शिक्षिका को निलंबित करने का आदेश जारी किया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बोड़ला निर्धारित किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।आदेश की प्रतिलिपि संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर, संयुक्त संचालक दुर्ग संभाग, कलेक्टर कबीरधाम सहित संबंधित सभी विभागीय अधिकारियों को भेजी गई है।यह घटना प्रशासन की बाल सुरक्षा को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट संदेश देती है। स्कूलों और आवासीय आश्रमों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में यह कार्रवाई राष्ट्रीय स्तर पर एक अहम मिसाल मानी जा रही है।



